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कांग्रेस सरकार अपनी एक भी गारंटी प्रभावी रूप से नहीं कर पाई पूरी :एबीवीपी

 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की वर्ष 2025 की प्रांत कार्यकारिणी बैठक संगठनात्मक जिला नालागढ़ सोलन में संपन्न हुई प्रांत मंत्र...


 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की वर्ष 2025 की प्रांत कार्यकारिणी बैठक संगठनात्मक जिला नालागढ़ सोलन में संपन्न हुई प्रांत मंत्री नैंसी अटल ने कहा कि विद्यार्थी परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक साल में 2 बार होती है ऐसे ही इस बैठक में विद्यार्थी परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी के लगभग 68 छात्र, 21 छात्राएं, 30 प्राध्यापक एवं 2 अन्य कुल 121 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस बैठक में विद्यार्थि परिषद द्वारा पिछले 1 साल में अभी तक हुए कार्यक्रमों एवं आंदोलनों की समीक्षा हुई और आने वाले 1 साल तक होने वाले कार्यक्रमों एवं आंदोलनों की योजना भी की गई।


विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रांत कार्यकारिणी बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए हैं जिसमें पहले हिमाचल प्रदेश के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए चर्चा की गई है कि हिमाचल प्रदेश एक शांतिपूर्ण वातावरण के लिए और सदृढ़ कानून व्यवस्था के लिए जाना जाता है। लेकिन सरकार की नीतियों से न केवल प्रदेश की सकारात्मक छवि धूमिल हो रही है बल्कि प्रदेश के संसाधनों का भी दुरुपयोग हो रहा है।


वर्तमान सरकार द्वारा सत्ता में आने से पहले जो 10 गारंटीया दी गई थी उसमें से एक भी गारंटी सरकार प्रभावी रूप से पूरी नहीं कर पाई है। सरकार द्वारा युवाओं को 5 लाख रोजगार देने का वादा किया गया था लेकिन पिछली सरकार द्वारा स्वीकृत पदों को भी अभी तक नहीं भरा गया है।


प्रदेश में नशा माफिया दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है लेकिन प्रदेश सरकार नशा माफिया में अंकुश लगाने में भी असफल होती नजर आ रही है। अब प्रदेश की स्थिति दिन प्रतिदिन ऐसी बिगड़ती जा रही है की हर दिन चिट्टे जैसे खतरनाक नशीले पदार्थों की घटनाओं के बारे में लगभग हर दिन सुनने को मिल रहा है। 


पिछले दो वर्षों में प्रदेश के अंदर 458 दुष्कर्म, 138 हत्याएं, 1643 चोरियां ईवा, 51 झगड़े के मामले सामने आए हैं जो कि प्रदेश के अंदर बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था की भयानक तस्वीर पेश करती है।


प्रदेश के अस्पतालों के बाहर लगने वाली लंबी कतारे प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे के वास्तविक स्थिति को उजागर करती है। गरीब असहाय और मजबूर लोगों को इलाज के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। यह समस्या न केवल स्वास्थ सेवाओं की कमी को दर्शाती है बल्कि प्रशासनिक उपेक्षा और संसाधनों की अपर्याप्तता का भी प्रतीक है।


ऐसे ही विद्यार्थी परिषद की प्रांत कार्यकारिणी की बैठक में पारित किए दूसरे प्रस्ताव में हिमाचल प्रदेश का वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य रहा। सरकार निरंतर एक के बाद एक छात्र विरोधी फैसले ले रही है। वर्तमान सरकार कई शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्णय ले रही है। जिस कारण दूरदराज के क्षेत्र में आने वाले छात्रों को अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।


फिर बात करें प्रदेश की दूसरे विश्वविद्यालय की जो कि वह सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी में है तो वहां भी सरकार द्वारा ₹1000 प्रति लेक्चर का निर्णय लिया है इसका भी विद्यार्थी परिषद विरोध करती है युवाओं को स्थाई रोजगार प्रदेश सरकार को देना होगा जिससे प्रदेश सरकार अपना पल्ला झाड़ रही है। बात करें कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की इस विश्वविद्यालय की जमीन को भी सरकार द्वारा टूरिज्म के लिए देना छात्रों के हितों के साथ खिलवाड़ है जहां 112 हेक्टेयर जमीन सरकार द्वारा छात्रों से छीनी जा रही है।


बात करें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की तो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी अभी तक स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं की गई है जिसके कारण हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रत्येक कार्य समय से नहीं हो पा रहा है। एवं हर कार्य के लिए लंबा समय लग रहा है। प्रदेश के विश्वविद्यालय के लिए यह एक दुर्भाग्यपूर्ण विषय है।


इन सभी समस्याओं एवं मांगो को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी परिषद ने एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने का फैसला लिया है। इस आंदोलन के चलते विद्यार्थी परिषद इकाई स्तर पर प्रत्येक महाविद्यालय में प्राचार्य को ज्ञापन सौंपेगी उसके बाद प्रत्येक इकाई स्तर में धरने प्रदर्शन करेगी उसके बाद हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने में प्रत्येक इकाई में सांकेतिक भूख हड़ताल करेंगी। एवं सरकार को जगाने के लिए अगर मुख्य प्रदर्शन करना पड़ा तो वह भी विद्यार्थी परिषद प्रत्येक इकाई स्तर पर करेगी।


इसी आंदोलन के अंतर्गत विद्यार्थी परिषद जीमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री और राज्यपाल महोदय को अपनी मांगों को लेकर एक बड़ी संख्या में मेल करेगी। ऐसे ही प्रत्येक जिला केन्द्रों पर धरना प्रदर्शन विद्यार्थी परिषद करेगी डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन सोपा जाएगा। और इसके अलावा भी इस आंदोलन को जारी रखने के लिए जो भी आंदोलनात्मक कदम उठाने पड़े वह विद्यार्थी परिषद उठाएगी।

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