जिले में अब तक 67 प्रतिशत जमीन संबंधित खातों को ई-केवाईसी लिंक किया गया है, जो जमीन संबंधित रिकार्ड आधार नंबर के साथ जुड़ा हुआ है, इससे लोग...
जिले में अब तक 67 प्रतिशत जमीन संबंधित खातों को ई-केवाईसी लिंक किया गया है, जो जमीन संबंधित रिकार्ड आधार नंबर के साथ जुड़ा हुआ है, इससे लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
अब राजस्व कार्यों में सुधार के लिए राज्य सरकार की नवीनतम या परिवर्तनात्मक कोशिशें दिखाई देने लगी हैं। राज्य सरकार अब सभी जमीन मालिकों की जमीन संबंधित अनुमति आधारित जमाबंदी की ई-केवाईसी (जमाबंदी की अनुमति आधारित आधार) सीड़ीग कर रही है, जहां लोगों के इंतकाल, निशानदेही जैसे मामलों का शीघ्रता से समाधान हो रहा है।
किसानों की जमीन का पूरा रिकॉर्ड आधार नंबर इससे लिंक होगा।मंडी जिला प्रदेश भर में किसानों की अनुमति आधारित जमीन से संबंधित जमाबंदी की ई-केवाईसी प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कर रहा है। इससे मंडी जिला ई-केवाईसी करने में राज्य में सबसे अग्रणी बन गया है।
मंडी जिले में अब तक 67 प्रतिशत जमीन संबंधित खातों को ई-केवाईसी किया गया है। चंबा जिला 65% से दूसरे स्थान पर है, जबकि किन्नौर जिला 62% से तीसरे स्थान पर है। (27 जनवरी, 2025 की 3.30 बजे की रिपोर्ट इस आंकड़े का आधार है) अन्य जिलों में स्थिति: बिलासपुर में 59%, हमीरपुर में 61% और कांगड़ा में 34%कुल्लू जिला में 60 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में 55 प्रतिशत, शिमला में 54 प्रतिशत, सिरमौर में 56 प्रतिशत, सोलन में 31 प्रतिशत और ऊना जिला में 58 प्रतिशत जमाबंदी खातों की ई-केवाईसी की गई है, प्रदेश भर में 52 प्रतिशत।
ई-केवाईसी मोबाइल ऐप बनाया गया है राज्य सरकार ने परिवर्तनात्मक पहल के तहत जमीनों की जमाबंदी की ई-केवाईसी करने और जमीन से जुड़े रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक और गवर्नेंस विभाग के माध्यम से. इस ऐप में आधार नंबर की मदद से जमीन मालिक की पहचान भी होगी। जमीन का पूरा आधार नंबर लिंक किया जाएगा।भूमि ई-केवाईसी बनने से किसानों की जमीन से जुड़े रिकॉर्ड ऑनलाइन होंगे।
भूमि पंजीकरण और विभिन्न प्रमाण पत्रों की जारी करने में भी आसानी होगी। भूमि जमाबंदी संबंधित ई-केवाईसी को लागू करना, राज्य सरकार की प्रणाली को बदलना और राजस्व सेवाओं को बेहतर बनाना एक महत्वपूर्ण परिवर्तनात्मक कदम है जिसका लाभ आम जनता को मिलेगा।
प्रदेश के जमीन मालिक इससे सीधे लाभ उठाएंगे। पटवार घरों में घूमने से उन्हें छुटकारा मिलेगा। भूमि मालिक कहीं पर भी आधार नबंर के माध्यम से अपनी जमीन का रिकार्ड ऑनलाइन देख सकते हैं। भूमि ई-केवाईसी के बाद बैंकों से ऋण लेना आसान हो जाएगा। PM किसान योजना का लाभ लेने के लिए भी ई-केवाईसी की आवश्यकता होगी।
करसोग तहसील में 68 प्रतिशत जमीन खातों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है। ई-केवाईसी को सभी पटवारघरों में प्राथमिकता से लागू किया जा रहा है।
तहसीलदार करसोग डा. वरूण गुलाटी दैनिक आधार पर ई-केवाईसी, इंतकाल और निशानदेही की निगरानी करते हैं। कोट्स राज्य सरकार ने मंडी जिले में सभी जमीन मालिकों को संबंधित ई-केवाईसी भेजा है।
राज्य सरकार की इस नवीन पहल से अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिलने की कोशिश की जा रही है। भूमि मालिक संबंधित ई-केवाईसी पटवारघरों में अपनी जमाबंदी करवा सकते हैं।
उपायुक्त मंडी, अपूर्व देवगन
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