Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

आनी और बखानाओ पंचायतों ने महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि पर चलाया आनी कस्बे में सफ़ाई अभियान।

  डी०पी० रावत। आनी, 30 जनवरी। हिमाचल प्रदेश के ज़िला कुल्लू के बाह्य सिराज क्षेत्र के तहत आनी कस्बे में आनी और बखानाओ ग्राम पंचायतों के संयु...

 


डी०पी० रावत।

आनी, 30 जनवरी।

हिमाचल प्रदेश के ज़िला कुल्लू के बाह्य सिराज क्षेत्र के तहत आनी कस्बे में आनी और बखानाओ ग्राम पंचायतों के संयुक्त प्रयासों से महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि पर सफ़ाई अभियान चलाया। ग्राम पंचायत आनी,बखनाओं के युवा प्रधान लाल सिंह और अमित कुमार उपाख्य (बॉबी) तथा स्वच्छता अम्बेसेडर व खण्ड समन्वयक संपूर्ण स्वच्छता अभियान दिनेश शर्मा आदि ने दोनों पंचायत की विभाजक खड्ड देउरी और दोनों पंचायतों को जोड़ने वाले आनी सेतु के समीप स्वयं सफाई की तथा आम जनता को स्वच्छता का शुभ सन्देश दिया।

पीएम श्री राजकीय(मॉडल/बॉयज़) वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय आनी के प्रवक्ता (अंग्रेजी)कवि व लेखक श्यामानंद ने आनी कस्बे में 

 स्वच्छता कुप्रबन्धन पर चिन्ता ज़ाहिर करते हुए कहा है कि स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करते हुए गांधी ने स्वच्छ भारत की संकल्पना में स्वस्थ और समृद्ध देश देखा था। हर साल शासन और प्रशासन द्वारा गांधी जयंती और पुण्यतिथि पर उनका पावन स्मरण किया जाता है और श्रद्धांजलि अवश्य दी जाती हैं।

 देखना यह है कि उनके स्वप्न को पूरा करने के लिए आज हर एक आनी वासी कितना काम करते हैं। इसका अनुमान इस विभाजक खड्ड के दोनों ओर प्रतिदिन फेंके जा रहे अपने घर के कचरे से लगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत आनी ने हाल ही में निर्णय लिया है कि सप्ताह में एक बार घर का कचरा उठाने के लिए कोई कर्मी लगाया जाएगा।प्रयास अच्छा है, लेकिन नाकाफी है। 6 दिन तक घर का कचरा घर के आसपास रखना संभव नहीं है। क्योंकि उसकी दुर्गन्ध भी बीमारियों को दे सकती है।

कहने के लिए आनी वासी तथाकथित नगरवासी तो हो गए हैं, लेकिन स्वच्छता के प्रति निजी जागरूकता आज भी शून्य है। घर का कचरा प्लास्टिक और अन्य वेस्ट मेटिरियल खड्ड में फेंकने से अपने घर का कचरा कुछ दूर तो होगा,लेकिन पर्यावरण खराब ही होगा। फिर विविध व्याधियों से समाज का बचना असंभव है। 


इसलिए दोनों पंचायतों को नित्य सफाई कर्मी को हर घर से कचरा उठाने के लिए भेजने की व्यवस्था करनी होगी। इसका शुल्क हर घर के मालिक से प्रति मास ₹ 100 या ₹200 लिया जाए। चलान करने का निर्णय भी प्रशंसनीय है। जिसको नियमों की धज्जियां उड़ाकर परिवेश को प्रदूषित करने में आनंद आता है, उसका चलान पंचायत द्वारा होना ही चाहिए। स्वच्छता के अग्रदूत बनकर आनी में उभरते एनजीओ सहित हर व्यक्ति सचेत होकर अपना दायित्व समझे। तभी आनी उप मण्डल मुख्यालय एवं कस्बा स्वच्छता और सुंदरता का केंद्र बनेगा। इस कदम से सभी आगंतुक बेहतर वातावरण महसूस करेंगे और आनी कस्बे से अस्वच्छता का कलंक मिटने की उम्मीद है।

No comments