हिमाचल प्रदेश के पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीकांत बाल्दी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने राज्य के सरकारी खजाने का दुरुपयोग करते हुए सेबों की आ...
हिमाचल प्रदेश के पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीकांत बाल्दी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने राज्य के सरकारी खजाने का दुरुपयोग करते हुए सेबों की आपूर्ति की है। जानकारी के अनुसार, उन्होंने राजस्थान के अधिकारियों को सेब भेजने का कार्य किया और इसके लिए भुगतान सरकारी खजाने से किया गया। यह मामला प्रशासनिक भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जिसमें सरकारी संसाधनों का निजी लाभ के लिए उपयोग किया गया है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी खजाने को आर्थिक संकट के बीच आईएसएस अधिकारियों द्वारा किस प्रकार से लुटा जा रहा है, इसका एक उदाहरण हाल ही में सामने आया है। हिमाचल प्रदेश के भू संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) के पूर्व अध्यक्ष और आईएसएस अधिकारी श्रीकांत बाल्दी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जयराम सरकार में मुख्य संसदीय सचिव के रूप में कार्यरत रहे श्रीकांत बाल्दी ने अपने संपर्कों, मित्रों और अन्य नौकरशाहों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश से सेब भेजने का कार्य किया, जिसकी भुगतान सरकारी खजाने से की गई।
जानकारी के अनुसार, रेरा के अध्यक्ष पद पर रहते हुए श्रीकांत बाल्दी ने राजस्थान सरकार के कई अधिकारियों को रायल सेब की पेटियां भेजी हैं। इसी संदर्भ में, शिमला में बुधवार को सुक्खू सरकार के मंत्री राजेश धर्माणी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस मामले पर आगे चर्चा की जाएगी। हालांकि, समाचार पत्रों में यह प्रकाशित हुआ है कि इस मामले की जांच की जाएगी।
दस्तावेजों के अनुसार, वर्ष 2020 से लेकर नवंबर 2024 तक 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य के सेब वितरित किए गए हैं। इस अवधि में, केंद्रीय सरकार में कार्यरत अधिकारियों के निवास स्थानों तक सरकारी खर्च पर सेब भेजे गए, और यह कार्य बागवानी विभाग के परवाणु कार्यालय द्वारा किया गया। यह जानकर आश्चर्य होता है कि सबसे अधिक सेब राजस्थान के आईएएस अधिकारियों को भेजे गए, क्योंकि श्रीकांत बाल्दी भी राजस्थान के निवासी हैं।
हाई क्वालिटी के सेब भेजे
हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले सेबों की खरीद की गई है, जिसका खुलासा हाल ही में हुए दस्तावेजों में हुआ है। रेरा ने निगम को निर्देशित किया कि इन विशेष पतों पर सेबों की आपूर्ति की जाए। इस प्रक्रिया के दौरान रायल और गोल्डन किस्म के सेबों के साथ-साथ अन्य उच्च गुणवत्ता वाले सेबों की भी सप्लाई की गई। दस्तावेजों से यह भी स्पष्ट होता है कि केंद्र में लोकपाल के निवास पर भी सेबों की पेटियां भेजी गईं। इसके अतिरिक्त, सचिव आवास, नीति आयोग के प्रधान सलाहकार और केंद्र सरकार के 18 अधिकारियों के आवासों पर भी उच्च गुणवत्ता वाले सेबों की आपूर्ति की गई। एक अन्य दस्तावेज में यह जानकारी भी दी गई है कि चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों के घरों पर भी सेब भेजे गए।
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