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भूस्खलन से तबाह आशियाने को फिर से निर्मित करने में विशेष आर्थिक पैकेज बना सहायक ।

  पहाड़ देखने में जितने खूबसूरत होते हैं, वहां की जिंदगी इतनी भी आसान नहीं होती। प्राकृतिक आपदाओं का संकट यहां निरंतर बना रहता है। मंडी जिला...

 


पहाड़ देखने में जितने खूबसूरत होते हैं, वहां की जिंदगी इतनी भी आसान नहीं होती। प्राकृतिक आपदाओं का संकट यहां निरंतर बना रहता है। मंडी जिला के पधर उपमंडल की ग्राम पंचायत उरला के भाठवाहन गांव के निवासियों ने न केवल इसे निकट से देखा बल्कि झेला भी है। भूस्खलन के कारण अपना घर-बार खो देने वाले गांव के प्रेम सिंह के लिए प्रदेश सरकार का विशेष आर्थिक पैकेज उम्मीद की नई किरण बना है।

प्रेम सिंह 12 अगस्त, 2023 की बरसात को शायद कभी नहीं भूल पाएंगे। रुंधे गले से वह बताते हैं कि उस दिन भारी बारिश के बाद भूस्खलन से उनका आशियाना उजड़ गया। परिवार के लिए छत का प्रबंध करना कठिन जान पड़ रहा था। आंगन के एक कोने में ही छोटे से कच्चे कमरे पर छप्पर डालकर गुजारा कर रहा था। इसी बीच प्रदेश सरकार की ओर से घर बनाने के लिए सात लाख रुपए प्रदान करने की जानकारी मिली। इस पर प्रेम सिंह ने ऑनलाइन आवेदन किया। अब उन्हें यह राहत राशि मिल चुकी है, जिससे एक पक्का मकान बनाने में वे सक्षम हुए हैं।

प्रेम सिंह ने बताया कि वे अपनी मां के साथ रहते हैं और खेती-बाड़ी ही आजीविका का मुख्य साधन है। ऐसे में नया घर बनाना दूर का सपना लग रहा था, मगर सरकार की समय पर मिली मदद ने इसे साकार कर दिया। उनके मकान का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है। आपदा प्रभावितों की त्वरित मदद और उन्हें घर बनाने के लिए राहत राशि बढ़ाकर सात लाख रुपए करने के लिए प्रेम सिंह ने प्रदेश सरकार और विशेषतौर पर मुख्यमंत्री  सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मानवीय दृष्टिकोण से जनहितैषी फैसले लेने के लिए उनका धन्यवाद किया है।

वर्ष 2023 में आई इस विनाशकारी प्राकृतिक आपदा में उपमंडल पधर में प्रेम सिंह सहित लगभग 27 परिवार प्रभावित हुए हैं। आपदा के दौरान उन्होंने अपने सपनों के घर खो दिए थे। इस संकट भरी घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिला खड़ी रही। ऐसे प्रभावित, जिनके घर आपदा के कारण पूरी तरह से तबाह हो गए थे, उनके लिए विशेष आर्थिक पैकेज घोषित कर गृह निर्माण के लिए 7 लाख रुपये प्रति परिवार देने का प्रावधान किया गया। इसके तहत पधर उपमंडल में लगभग 1.84 करोड़ रुपए की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है।

उपमंडल के सभी प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता की पहली किस्त में प्रति परिवार 6 लाख 80 हजार रुपए की राशि दी गई है। प्रदेश सरकार से मिली इस आर्थिक मदद से क्षेत्र के सभी प्रभावितों के घर फिर से बनने को तैयार हैं। अधिकांश घरों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। प्रभावितों को घर बनने के बाद रंग-रोगन के लिए प्रति घर 20 हजार रुपये की राशि अंतिम किस्त के तौर पर दी जानी ही शेष है।

हिमाचल सरकार की समय पर आर्थिक सहायता और पुनर्निर्माण योजनाओं ने न केवल प्रभावित परिवारों को नया घर दिया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार किया।

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