अमेरिकी सेना का एक विमान अमृतसर के गुरु रविदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन भारतीयों को लेकर आएगा जो अमेरिका में बिना दस्तावेज़ों के रह ...
अमेरिकी सेना का एक विमान अमृतसर के गुरु रविदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन भारतीयों को लेकर आएगा जो अमेरिका में बिना दस्तावेज़ों के रह रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद यह भारतीयों का पहला निर्वासन है। सुरक्षा अधिकारियों ने बीबीसी के सहयोगी पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन को सूचित किया है कि आने वाले लोगों की सूची की जांच की गई है और उसमें कोई भी शातिर अपराधी नहीं पाया गया है। रविंदर सिंह रॉबिन के अनुसार, अमृतसर पहुँचने वाले कुछ व्यक्तियों को पुलिस की गाड़ियों के माध्यम से उनके गांव भेजा जाएगा, जबकि अन्य राज्यों के लोगों को विमान द्वारा भेजा जाएगा। मीडिया को एयरपोर्ट के अंदर जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन पत्रकार एयरपोर्ट के बाहर इन व्यक्तियों से बातचीत कर सकेंगे।
उन्होंने इसे अत्यंत महत्वपूर्ण विषय के रूप में प्रस्तुत किया है। अपने फ़ेसबुक पेज पर साझा किए गए संदेश में उन्होंने उल्लेख किया है कि 205 भारतीय अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे, जहाँ वह स्वयं उनका स्वागत करने के लिए उपस्थित रहेंगे।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने मीडिया को सूचित किया कि इस विषय पर एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि जो इमिग्रेंट आ रहे हैं, उन्हें पंजाब सरकार की ओर से मित्रवत तरीके से स्वागत किया जाएगा।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के मामले को अत्यंत गंभीर बताया है। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से भी अपेक्षा की है कि वह इसे गंभीरता से ले।
धालीवाल, जो पंजाब के एनआरआई मंत्री भी हैं, ने यह घोषणा की है कि वह अमेरिका से वापस भेजे जा रहे लोगों का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर उपस्थित रहेंगे। उन्होंने अमेरिकी सरकार के निर्णय पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि कई भारतीय वर्क परमिट के साथ गए थे, लेकिन समय पर नवीनीकरण न होने के कारण वे अवैध प्रवासियों की श्रेणी में आ गए।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को वापस भेजा जा रहा है, उन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे में, उन्हें वापस भेजने के बजाय स्थायी नागरिकता प्रदान की जानी चाहिए। इस संदर्भ में, धालीवाल अगले सप्ताह विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं।
धालीवाल ने पंजाब के निवासियों से अनुरोध किया है कि वे अवैध तरीकों से विदेश यात्रा न करें।
मंगलवार को पंजाब के डीजीपी गौरव यादव से मीडिया ने अमेरिका से भारत लाए जा रहे प्रवासियों के संबंध में प्रश्न पूछे।
गौरव यादव ने स्पष्ट किया कि यह विषय एक बैठक में चर्चा का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि पंजाब सरकार इन प्रवासियों का स्वागत मित्रवत तरीके से करेगी और केंद्र सरकार के साथ समन्वय में हैं।
अमेरिका में अवैध आप्रवासियों को उनके देश वापस भेजने के लिए सेना का उपयोग करना एक असामान्य स्थिति है, लेकिन ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है। अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर सेना द्वारा प्रवासियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है, और कई देशों के प्रवासियों को डिपोर्ट करने में भी सेना की भूमिका बढ़ी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास के प्रवासियों को पहले ही वापस भेजा जा चुका है। आमतौर पर, अवैध आप्रवासियों को डिपोर्ट करने का कार्य अमेरिका का आप्रवासन विभाग करता है, लेकिन सैन्य डिपोर्टेशन अधिक महंगा साबित हो रहा है। हाल ही में, सेना ने ग्वाटेमाला के अवैध आप्रवासियों को वापस भेजने में प्रति यात्री लगभग चार हजार सात सौ डॉलर का खर्च उठाया।
ट्रंप की चिंता, भारत का जवाब
पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फ़ोन पर बातचीत की, जिसमें उन्होंने अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय आप्रवासियों के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की।
डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत अवैध प्रवासियों के मामले में उचित कदम उठाएगा। उन्होंने इस बातचीत को सकारात्मक बताया और यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी फरवरी में अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अवैध प्रवासन के विषय पर चर्चा की। एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अवैध प्रवासन का समर्थन नहीं करता और यह कई अवैध गतिविधियों से जुड़ा हुआ है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया कि भारत अवैध प्रवासन का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अवैध आप्रवासन कई प्रकार की अवैध गतिविधियों से संबंधित होता है, जो देश की प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक है। यदि कोई भारतीय नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से निवास करता है, तो भारत उसे कानूनी तरीके से वापस लाने की प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए तैयार है।
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