164 साल बाद भी नहीं हुआ जमालपुर रेल कारखाने का सही विकास।

 


 (प्रह्लाद प्रसाद की रिपोर्ट) 

 जमालपुर लौहनगरी का सही विकास 164 साल बाद भी संभव नहीं हो पाया है। इस कारखाने की उम्र एक सौ चौंसठ वर्ष हो चुका।अंग्रेजों ने रेल विस्तारीकरण का काम बिहार के जमालपुर से आरंभ किया था। देश को आजाद हुए भी तकरीबन 75साल हो गये। इस बीच बिहार ने आठ ऐसे लाल को पैदा कर रेल मंत्री के आसन तक पहुंचाया तथा एक नेता को रेल राज्य मंत्री बनाया। बावजूद जमालपुर रेल कारखाने का उचित विकास नहीं हुआ।बताते चलें,जगजीवन राम,ललित नारायण मिश्र,केदार पाण्डे,जार्ज फर्णाडीज,गनी खान चौधरी,रामविलास पासवान तथा दो बार नीतीश कुमार के साथ रेल राज्य मंत्री के रूप में दिग्विजय सिंह केन्द्र सरकार की शोभा बढ़ा चुके हैं।मगर,सही रूप से जिस गरिमा का हक जमालपुर रेल कारखाने को मिलना चाहिए था,वो नहीं मिल पाया। एक बार पुनः देश के वर्तमान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आगामी 21 अप्रैल को जमालपुर रेल कारखाने का निरीक्षण करने आ रहे हैं। रेलमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए रेल प्रशासन ने अपनी उत्कृष्ट तैयारी शुरू कर दिया है। रेल मंत्रालय ने पहले से ही विभिन्न परियोजनाओं के लिए 137करोड़ की राशि देने की घोषणा कर चुकी है। रेलमंत्री के साथ मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह भी मौजूद रहेंगे। जमालपुर रेल कारखाने के तमाम यूनियन के सदस्यों को भी उम्मीद है कि इस बार देश के इस सबसे पुराने रेल कारखाने को विकास का सही मुकाम मिल पायेगा।



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