सावन में श्रद्धालुओं की परेशानी पर निकाली गई पदयात्रा के बाद पुलिसिया कार्रवाई को बताया लोकतंत्र पर हमला विपिन कुमार ओझा ब्यूरो चीफ उत्तर प...
सावन में श्रद्धालुओं की परेशानी पर निकाली गई पदयात्रा के बाद पुलिसिया कार्रवाई को बताया लोकतंत्र पर हमला
विपिन कुमार ओझा
ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश
सावन मास में वाराणसी में श्रद्धालुओं को हो रही मूलभूत समस्याओं को लेकर निकाली गई शांतिपूर्ण पदयात्रा पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के खिलाफ दर्ज फर्जी एफआईआर के विरोध में सोमवार को प्रतापगढ़ के कांग्रेसजनों ने मोर्चा खोल दिया। जिला मुख्यालय पहुंचकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा।
ज्ञापन में 10 जुलाई को वाराणसी के सिगरा थाने में अजय राय समेत अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग की गई है। कांग्रेसजनों ने इसे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित पुलिसिया दमन बताया और राज्यपाल से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की।
"जनता की आवाज को नहीं होने देंगे खामोश" — कांग्रेस
इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राम शिरोमणि वर्मा और उपाध्यक्ष मीरा देवी गौतम ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा:
“डबल इंजन सरकार केवल दिखावटी विकास और नारों में उलझी है। काशी जैसे आध्यात्मिक केंद्र में जनता बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। अजय राय जैसे लोकप्रिय जननेता पर मुकदमा, लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है। कांग्रेस कार्यकर्ता इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और हर स्तर पर आवाज उठाएंगे।”
"श्रद्धालुओं की चिंता जताने पर मुकदमा, यह लोकतंत्र पर हमला"
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष वेदांत तिवारी और जिला प्रवक्ता सुरेश कुमार मिश्र ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा:
“काशी में श्रावण के दौरान श्रद्धालुओं की मूलभूत परेशानियों को उठाना अपराध बन गया है। सरकार संवेदनहीन हो चुकी है और लोकतंत्र की आवाज को दबाने पर तुली है। कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ सड़कों से लेकर सदन तक संघर्ष करती रहेगी।”
कई वरिष्ठ पदाधिकारी रहे मौजूद
ज्ञापन सौंपने वालों में जिला महासचिव चंद्रनाथ शुक्ला, अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष सुरेश कुमार सरोज, सदर ब्लॉक अध्यक्ष मोहम्मद वसीम, जिला सचिव के.के. शुक्ला, मोहम्मद दिलशाद, एहतेशाम अहमद, अबू शमा, सिटी अध्यक्ष शहजाद सलमानी, राम मनोहर गौतम, श्याम शंकर तिवारी, अब्दुल रहमान समेत कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कांग्रेस का कहना है कि वह लोकतंत्र को कमजोर नहीं होने देगी और आवाज उठाना उसका अधिकार है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज होगा।
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