डी० पी० रावत। ऑनलाइन डैस्क। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक और अहम कदम उठाते हुए राज्य भर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक और गै...
डी० पी० रावत।
ऑनलाइन डैस्क।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक और अहम कदम उठाते हुए राज्य भर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक और गैर-जैविक कचरे पर सख्त पाबंदी लगा दी है। इस आदेश के तहत अब कोई भी व्यक्ति, संस्था या वाणिज्यिक प्रतिष्ठान जैसे होटल, ढाबा, मिठाई की दुकानें, धार्मिक स्थल, या औद्योगिक इकाइयाँ यदि इस प्रतिबंध का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
H.P. Non-Biodegradable Garbage Control Act, 1995 के तहत जारी इस अधिसूचना के अनुसार, गैर-कम्पोस्टेबल प्लास्टिक कैरी बैग्स और अन्य प्लास्टिक कचरे के उपयोग की मात्रा के अनुसार जुर्माना निर्धारित किया गया है:
मात्रा जुर्माना (₹)
100 ग्राम तक ₹500
101 से 500 ग्राम ₹1500
501 ग्राम से 1 किलोग्राम। ₹3000
1 से 5 किलोग्राम ₹10,000
5 से 10 किलोग्राम ₹20,000
10 किलोग्राम से अधिक। ₹25,000
इसके अतिरिक्त, किसी भी सार्वजनिक स्थान — जैसे सड़क, पार्क, नालियाँ, जंगल, या मंदिर परिसर — में एकल उपयोग प्लास्टिक कैरी बैग में भोजन परोसने या उसका उपयोग करने पर ₹5000 का जुर्माना लगाया जाएगा, चाहे वह व्यक्ति हो या संस्थान।
उत्पादन को मिली सीमित छूट
राज्य सरकार ने केवल उन्हीं निर्माताओं को कम्पोस्टेबल या बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक कैरी बैग्स के उत्पादन की अनुमति दी है जिनका GSM 60 से अधिक लेकिन 80 से कम है, और वह भी इस शर्त पर कि इन बैग्स की बिक्री राज्य के बाहर की जाएगी।
इस आदेश की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए HP स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा संबंधित अधिकारियों को निरीक्षण, चालान और कार्रवाई की शक्तियाँ दी गई हैं। इस दिशा में कुल्लू जिला के सभी उपमंडलों, पुलिस, परिवहन, वन और पंचायत अधिकारियों को भी अधिसूचना की प्रति भेज दी गई है।
तीन महीने बाद पूर्ण प्रभाव
हालांकि कम्पोस्टेबल कैरी बैग्स के निर्माण और वितरण पर प्रतिबंध तीन महीने की समयसीमा के बाद प्रभावी होगा।
यह फैसला जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त कुल्लू ने की थी। यह निर्णय न सिर्फ हिमाचल के प्राकृतिक पर्यावरण को बचाने में मदद करेगा, बल्कि प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या से निपटने में एक सशक्त कदम साबित होगा।
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