शिमला। हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की 23,729 करोड़ रुपये की परियोजनाएं उस समय संकट में आ गईं जब 30 जून को शिमला ...
शिमला। हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की 23,729 करोड़ रुपये की परियोजनाएं उस समय संकट में आ गईं जब 30 जून को शिमला के भटाकुफर में एनएचएआई के अधिकारियों पर कथित रूप से पंचायत मंत्री अनिरुद्ध सिंह और उनके समर्थकों द्वारा हमला किया गया। इस हमले में एनएचएआई के अधिकारी श्री अचल जिंदल और अन्य को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें कई टांकों की आवश्यकता पड़ी और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रभोध सक्सेना को पत्र लिखा है। उन्होंने इस हमले को केवल एक कानून व्यवस्था की विफलता नहीं, बल्कि फील्ड स्तर पर काम कर रहे अधिकारियों के मनोबल को गिराने वाला बताया है। चेयरमैन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और विस्तृत जांच की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
इसी बीच, एनएचएआई इंजीनियर्स एसोसिएशन ने भी इस हमले की तीव्र निंदा करते हुए इसे "ब्रूटल असॉल्ट" करार दिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने पत्र में लिखा है कि श्री अचल जिंदल जैसे अधिकारी देश की सेवा में लगे होते हैं, और इस प्रकार की घटनाएं न केवल उनके जीवन को खतरे में डालती हैं, बल्कि पूरे सिस्टम की गरिमा पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं। उन्होंने इस घटना को हत्या के प्रयास की श्रेणी में मानते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है।
एनएचएआई की 17 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में बाधा आने का खतरा जताया जा रहा है, जिससे हिमाचल प्रदेश की विकास योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकार इस संवेदनशील मामले में क्या कदम उठाती है, और क्या दोषियों को कानून के अनुसार कठोर दंड मिल पाता है।
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