Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

वायु प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार की सख्त पहल,10-15 साल पुराने वाहन नहीं भरवा सकेंगे पेट्रोल-डीजल

दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाने के लिए सरकार ने आज से बड़ा कदम उठाया है। 1 जुलाई 2025 से 15 साल से पुराने पेट्रोल व सीएनजी और 10 साल स...



दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाने के लिए सरकार ने आज से बड़ा कदम उठाया है। 1 जुलाई 2025 से 15 साल से पुराने पेट्रोल व सीएनजी और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को राजधानी के पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा।


यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की 2014 की गाइडलाइंस के तहत लागू किया गया है। इसका उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार करना है।


 ANPR कैमरे से होगी जांच


दिल्ली के 520 में से 500 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे सीधे VAHAN डेटाबेस से जुड़कर वाहन की उम्र और PUC (प्रदूषण प्रमाणपत्र) की स्थिति जांचते हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले पंपों पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 192 के तहत कार्रवाई की जाएगी।


पुलिस-प्रशासन की तैनाती


दिल्ली की ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निहारिका राय ने बताया कि इस अभियान के तहत 350 पेट्रोल पंपों पर दिल्ली पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीमें तैनात की गई हैं। इनमें से 91 पंपों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।


 62 लाख वाहनों पर असर


दिल्ली में इस समय करीब 62 लाख ऐसे वाहन हैं, जो ‘एंड ऑफ लाइफ (EOL)’ की कैटेगरी में आते हैं। इनमें से 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया वाहन हैं। इन वाहनों को अब तीन विकल्प दिए गए हैं:


1. स्क्रैपिंग सेंटर पर वाहन स्क्रैप करवाना



2. दिल्ली से बाहर NOC के साथ वाहन बेचना



3. इलेक्ट्रिक या CNG वाहन अपनाना, जिन पर सरकार सब्सिडी दे रही है




 सोशल मीडिया पर मिली मिली-जुली प्रतिक्रिया


प्लेटफॉर्म 'X' (पहले ट्विटर) पर इस फैसले को जरूरी और समयोचित बताते हुए एक यूजर ने लिखा, "दिल्ली की हवा साफ करने के लिए यह सख्त कदम सराहनीय है।" वहीं कुछ लोगों ने चिंता जताई कि पड़ोसी राज्यों में ईंधन भरवाने की संभावनाएं इस फैसले को कमजोर कर सकती हैं।

स्क्रैपिंग के लिए बेहतर प्रोत्साहन और सुविधा की भी मांग की जा रही है।


 इलेक्ट्रिक बसों से क्लीन दिल्ली का सपना


सरकार का लक्ष्य 2026 तक 8,000 इलेक्ट्रिक बसें राजधानी की सड़कों पर उतारने का है। इस नियम को दिल्ली में हरित क्रांति की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है, जो बाकी महानगरों के लिए मॉडल नीति बन सकता है।


 दिल्ली में पुराने वाहन चलाना अब सिर्फ कानून तोड़ना नहीं, हवा से खिलवाड़ माना जाएगा।


No comments