🛑 मंडी। जिले में सोमवार देर रात से लगातार हो रही बारिश ने भारी तबाही मचाई है। मंगलवार सुबह 11:30 बजे तक जिला प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट ...
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मंडी। जिले में सोमवार देर रात से लगातार हो रही बारिश ने भारी तबाही मचाई है। मंगलवार सुबह 11:30 बजे तक जिला प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लोग लापता हैं। 99 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई जगह बादल फटने, भूस्खलन और जलभराव की घटनाएं सामने आई हैं।
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🔴 गोहर में सबसे बड़ा हादसा, दो की मौत
गोहर उपमंडल के बड़ा गांव में बादल फटने से एक मकान ढह गया। 6 लोग मलबे में दबे, जिनमें से 4 को सुरक्षित बाहर निकाला गया और दो के शव बरामद हुए हैं। वहीं टिकरी प्रोजेक्ट से 20-25 लोगों को निकालकर बड़ा रेस्ट हाउस (राहत शिविर) में शिफ्ट किया गया है।
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⚠️ सरदार में स्कूल की छात्राएं फंसीं, सुरक्षित निकाला गया
डाइट मंडी में फंसी 29 छात्राओं को रेस्क्यू कर मंडी गुरुद्वारा राहत शिविर में शिफ्ट किया गया। पलास कॉलोनी से 11 लोगों को बीस सदन शिविर में पहुंचाया गया।
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🆘 करसोग में भी बादल फटा, एक की मौत
करसोग उपमंडल के पुराना बाज़ार में 4 लोग लापता हैं, एक शव बरामद हुआ है। वहीं रिकी से 7 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और GDC करसोग से 12 छात्राएं व 4 महिलाएं रेस्क्यू की गईं।
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🐄 धर्मपुर में मवेशियों की बड़ी हानि
धर्मपुर के त्रियाम्बला और भद्राणा गांवों में कुल 6 मकान और 8 गौशालाएं ढह गईं। 26 मवेशियों की मौत हुई है, जिनमें 10 बकरियां, 15 खच्चर और एक गाय शामिल है।
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🚧 टनल में फंसे लोग, प्रशासन ने पहुंचाया खाना-पानी
बलीचौकी क्षेत्र के NH-11 और 13 की सुरंगों में कई लोग फंसे हुए हैं। राहत टीमों द्वारा उन्हें खाना और पानी उपलब्ध कराया गया है।
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📍 अन्य प्रमुख घटनाएं:
सियांजी (गोहर): दो मकान पूरी तरह बहे, 9 लोग लापता
थुनाग: संपर्क नहीं हो सका, SDRF टीम रवाना
झंडूता नगर: नरी कोटला में एक अज्ञात शव बरामद
कोटली: 2 मकान व 4 गौशालाएं क्षतिग्रस्त
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📊 जिलेभर में नुकसान का आंकड़ा इस प्रकार है:
🕱 मृत्यु: 4
❓ लापता: 16
🛟 रेस्क्यू किए गए: 99
🏚️ घर क्षतिग्रस्त: 10
🐄 गौशालाएं क्षतिग्रस्त: 12
🐐 मवेशी मृत: 26
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📣 प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें, अफवाहों से बचें और किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल सहायता केंद्र या हेल्पलाइन पर संपर्क करें। SDRF और NDRF की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
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