राज कुमार राणा समेत एजेंटों ने 387 करोड़ की अवैध कमाई से खरीदी थी संपत्तियां फर्जी डिग्री घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिमला ने मानव भा...
राज कुमार राणा समेत एजेंटों ने 387 करोड़ की अवैध कमाई से खरीदी थी संपत्तियां
फर्जी डिग्री घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिमला ने मानव भारती विश्वविद्यालय, सोलन से जुड़े रैकेट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 1.74 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। ये संपत्तियां बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित हैं।
ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की है। जिन तीन कमीशन एजेंटों की संपत्तियां अटैच की गई हैं, उनके नाम अभिषेक गुप्ता, हिमांशु शर्मा और अजय कुमार बताए गए हैं।
387 करोड़ की अवैध कमाई, 14 लोग और 2 संस्थाएं जांच के घेरे में
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि विश्वविद्यालय के अध्यक्ष राज कुमार राणा और उनके सहयोगियों ने एमबीयू (MBU) के नाम पर देशभर में नकली डिग्रियां बेचीं। इन डिग्रियों की बिक्री से अब तक 387 करोड़ रुपये की अवैध आय का अनुमान लगाया गया है।
इन पैसों का इस्तेमाल देश के विभिन्न राज्यों में चल और अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया।
कमीशन एजेंट बने रैकेट की रीढ़
जांच में पाया गया कि कमीशन एजेंटों ने खरीदारों और विश्वविद्यालय प्रबंधन के बीच संपर्क साधने में अहम भूमिका निभाई। उन्हें हर डिग्री बिक्री पर कमीशन मिलता था।
ईडी ने इससे पहले भी 14 व्यक्तियों और 2 संस्थाओं की संपत्तियां अटैच की हैं, जिनमें प्रमुख रूप से राज कुमार राणा और कई एजेंट शामिल हैं।
3 एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी जांच
यह जांच धर्मपुर थाना, सोलन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज तीन प्राथमिकियों के आधार पर शुरू की गई थी। मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन, एजेंटों और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है।
क्या है मानव भारती घोटाला?
मानव भारती विश्वविद्यालय, सोलन पर देशभर में नकली डिग्रियों की बिक्री का आरोप है। हजारों फर्जी डिग्रियां जारी कर करोड़ों की अवैध कमाई की गई। मामला सामने आने के बाद से प्रवर्तन निदेशालय, पुलिस और अन्य एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हैं।
अगला कदम:
ईडी की ओर से आगे भी संपत्तियों की पहचान और अटैचमेंट की प्रक्रिया जारी रहने की संभावना है। मामले में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
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