‘ बेटी बचाओ’ पर उठे सवाल, कार्रवाई न होने पर अगले सप्ताह बड़ा आंदोलन आनी | अखंड भारत दर्पण (ABD) | डी.पी. रावत हरिपुर स्थित इंस्पायर अकादम...
‘बेटी बचाओ’ पर उठे सवाल, कार्रवाई न होने पर अगले सप्ताह बड़ा आंदोलन
आनी | अखंड भारत दर्पण (ABD) | डी.पी. रावत
हरिपुर स्थित इंस्पायर अकादमी में छात्राओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बावजूद प्रशासन की चुप्पी के खिलाफ छात्रों का आक्रोश सोमवार को सड़कों पर साफ नजर आया। सीटू, एसएफआई और एबीवीपी के बैनर तले सैकड़ों छात्रों ने एनएच-305 पर निगान चौक में चार घंटे तक चक्का जाम कर जोरदार प्रदर्शन किया।
छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि संस्थान में छात्राओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। पूरी फीस वसूलने के बावजूद शिक्षा स्तर बेहद खराब है और अब प्रशिक्षुओं पर ₹800 अतिरिक्त वसूलने का दबाव बनाया जा रहा है।
छात्रों ने कहा कि सरकार एक ओर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान चलाती है, लेकिन जब निजी संस्थानों में बेटियों के साथ शोषण होता है, तो प्रशासन आंखें मूंद लेता है। क्या प्रशासन किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है?
एफआईआर के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
प्रदर्शनकारी छात्रों ने बताया कि इंस्पायर अकादमी के संचालक पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने संस्थान को तुरंत सील करने और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की।
धरने को कई छात्र नेताओं ने संबोधित किया। सीटू नेता पदम प्रभाकर ने कहा कि शिक्षा के नाम पर छात्रों के साथ भद्दा मज़ाक किया जा रहा है। सरकार और शिक्षा विभाग की खामोशी बेहद शर्मनाक है।
बड़ी चेतावनी: अगला पड़ाव बस स्टैंड आनी
छात्रों ने चेताया कि यदि आगामी एक सप्ताह में निष्पक्ष जांच शुरू नहीं हुई, तो कॉलेज व स्कूलों के हजारों छात्रों के साथ बस स्टैंड आनी में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब यह केवल शिक्षा का नहीं, बल्कि बेटियों की अस्मिता और भविष्य का सवाल है।
विधायक की अपील भी बेअसर
छात्रों ने बताया कि विधायक लोकेन्द्र कुमार ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रशासन से जांच की मांग की थी, लेकिन दुर्भाग्यवश प्रशासन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया। छात्रों का कहना है कि अब धैर्य की सीमा समाप्त हो चुकी है।
तहसीलदार के आश्वासन पर खुला जाम
लगभग चार घंटे के चक्का जाम और आम जनता को हुई भारी परेशानी के बाद पुलिस व तहसीलदार आनी रतनेश्वर शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों की मांगें सुनीं और एक सप्ताह में कार्रवाई का भरोसा दिलाया, जिसके बाद जाम हटाया गया।
छात्रों ने स्पष्ट संदेश दिया कि यदि इस बार भी वादा टूटता है, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
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