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एसजेवीएन ने राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान से समझौता ज्ञापन किया हस्ताक्षर।

लोकेन्द्र सिंह वैदिक जिला ब्यूरो कुल्लू, शिमला 15 जून। सतलुज जल विद्युत निगम, एक अनुसूची 'ए' और 'मिनी रत्न', पाव...

लोकेन्द्र सिंह वैदिक
जिला ब्यूरो कुल्लू, शिमला
15 जून।
सतलुज जल विद्युत निगम, एक अनुसूची 'ए' और 'मिनी रत्न', पावर सार्वजनिक क्षेत्र संयुक्त उपक्रम( केंद्र सरकार और हिमाचल सरकार)ने सौर, पवन, हाइब्रिड (पवन और सौर) के विकास के लिए 'तकनीकी परामर्श सेवाओं' के लिए राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (एनआईडब्ल्यूई) के साथ एक करारनामा किया है।  एसजेवीएन की हाइब्रिड (पवन, सौर और बैटरी भंडारण) ऊर्जा परियोजना,एनआईडब्ल्यूई सौर, पवन, हाइब्रिड (पवन और सौर) और हाइब्रिड (पवन, सौर और बैटरी भंडारण) ऊर्जा परियोजनाओं की व्यवहार्यता और तकनीकी-वाणिज्यिक पहलुओं का आंकलन करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, अनुमान और बोली की तैयारी के लिए एसजेवीएन का समर्थन करेगा।
इस मौके पर जानकारी देते हुए एसजेवीएन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री नंद लाल शर्मा ने कहा, “भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता के 175 गीगावाट और 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता की स्थापना का लक्ष्य रखा हैं । इस कड़ी में एसजेवीएन और एनआईडब्ल्यूई  संयुक्त रूप से  इस लक्ष्य को हासिल करने और भारत को चौबीसों घंटे विद्युत निर्बाध रूप से मुहैया कराने के लक्ष्य की ओर अग्रसर होगा।  उन्होंने यह भी बताया कि इन प्रयासों से 2040 तक 25000 मेगावाट की कंपनी बनने के एसजेवीएन के साझा विजन को भी हासिल किया जा सकेगा।

 एसजेवीएन, द्वारा वर्चुअल  रूप समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर एसजेवीएन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकर नंद लाल शर्मा और एनआईडब्ल्यूई के  महानिदेशक डॉ. के बलरामन, निदेशक (कार्मिक) श्रीमती  गीता कपूर, निदेशक (सिविल) श्री एस.पी. बंसल, निदेशक (वित्त) श्री.  ए के सिंह, निदेशक (विद्युत) श्री.  सुशील शर्मा और एसजेवीएन और एनआईडब्ल्यूई  के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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