Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Grid

GRID_STYLE

Hover Effects

TRUE

Breaking News

latest

विश्वविद्यालय SFI इकाई ने छात्रों की समस्याओं को लेकर डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर को सौंपा मांग पत्र।

पिछले लंबे समय से विश्वविद्यालय परिसर की दुकानों तथा विश्वविद्यालय कैंटीन में खाने की गुणवत्ता और उसके अधिक मूल्यों के कारण छात्...

पिछले लंबे समय से विश्वविद्यालय परिसर की दुकानों तथा विश्वविद्यालय कैंटीन में खाने की गुणवत्ता और उसके अधिक मूल्यों के कारण छात्रों को अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एसएफआई ने डीएसडब्ल्यू से ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि विश्वविद्यालय के अंदर सभी दुकानों में खाने की गुणवत्ता के ऊपर ध्यान दिया जाए तथा सभी दुकानों में सब्सिडाइज रेट के अंदर खाने पीने की चीजें छात्रों के लिए मुहैया कराई जाए। इसके साथ एसएफआई यह मांग करती है कि विश्वविद्यालय की सभी दुकानों के अंदर रेट लिस्ट लगी होनी चाहिए ताकि छात्रों को सभी दुकानों में एक समान मूल्यों पर चीजें मिले तथा पारदर्शिता बनी रहे। 
इस पर बात रखते हुए  एसएफआई कैंपस सचिव सुरजीत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर अधिकतर छात्र सामान्य वर्ग तथा निम्न वर्ग से आता है। ऐसे में विश्वविद्यालय में खाने पीने की चीजों के जरिए छात्रों से अधिक पैसे वसूलना उन पर अत्यधिक आर्थिक बोझ डालना है।
इसके साथ-साथ SFI बड़े लंबे समय से मांग कर रही है कि विश्वविद्यालय के अंदर निजीकरण को बढ़ावा देने वाली कामधेनु, नेस्कैफे तथा हॉटस्पॉट्स जैसी दुकानों को बंद किया जाए अथवा इन दुकानों में भी सब्सिडाइज रेट लिस्ट लगाई जाए।
SFI कैंपस अध्यक्ष हरीश ने कहा कि इस तरह की इन दुकानों के माध्यम से प्रशासन अमीर और गरीब के बीच खाई पैदा करने की कोशिश कर रही है। सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह निजीकरण को बढ़ावा देना दुर्भाग्यपूर्ण है।

DSW के द्वारा यह नोटिफिकेशन जारी की जाती है कि छात्र संघ चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होंगे तथा इसमें मेरिट की आधार पर केंद्रीय छात्रसंघ कमेटी का गठन किया जाएगा। एसएफआई मेरिट के आधार पर बनाई जा रही एससीए की कार्यकारिणी का भी विरोध करती है। एसएफआई का मानना है कि छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होने चाहिए तथा छात्रों के प्रतिनिधियों को इसमें चुने जाने का अधिकार होना चाहिए। मेरिट के आधार पर कमेटी का निर्माण करना दुर्भाग्यपूर्ण है। क्योंकि यह कार्यकारिणी छात्रों के बीच में सक्रिय नहीं होती तथा पूरे साल भर छात्रों की समस्याओं व उनकी आवाज को उठाने का काम नहीं करती है। सीएससीए कमेटी का निर्माण करवाना विश्वविद्यालय के लिए मात्र एक औपचारिकता है। इसलिए एस एफ आई विश्वविद्यालय का यह मानना है कि छात्रसंघ चुनावों को प्रत्यक्ष रूप से करवाया जाए।


 एसएफआई ने  चेतावनी देते हुए कहा कि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा  किया जाए। अगर जल्द छात्र मांगों को सकारात्मक रूप से सुलझाया नहीं गया तो आने वाले समय के अंदर विश्वविद्यालय के अंदर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी और अथॉरिटी का उग्र घेराव किया जाएगा।

No comments