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क्या कह गए एक व्यापारी जलोड़ी जोत में दुकान उजड़ने के बाद?

सीपीएस सुन्दर सिंह ठाकुर और वन विभाग के फ़रमान के बाद जलोड़ी जोत में बरसों से बसे व्यापारियों ने अपनी दुकानें उखाड़ दी हैं। 25 मई। डी.पी. रा...

सीपीएस सुन्दर सिंह ठाकुर और वन विभाग के फ़रमान के बाद जलोड़ी जोत में बरसों से बसे व्यापारियों ने अपनी दुकानें उखाड़ दी हैं।
25 मई।
डी.पी. रावत।
ब्यूरो रिपोर्ट आनी।

ज़िला कुल्लू के बंजार और आनी उपमण्डलों के मध्य जलोड़ी दर्रा पर लगभग 1962 अपनी आजीविका चला रहे व्यापारियों ने मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर के फ़रमान और वन विभाग के अधिकारियों के नोटिस के बाद अपनी अपनी दुकानें उखाड़ दी हैं। बरसों से स्थापित दुकानों को उखाड़ते हुए एक व्यापारी ने मीडिया से अपना दर्द सांझा करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी मांगे शासन,प्रशासन और राजनीतिज्ञों के समक्ष रखी मगर कोई लाभ नहीं हुआ।
( पूरा बयान सुनने के लिए वीडियो देखें।)

जलोड़ी जोत पर पर्यटन आधारभूत संरचना विकसित करने और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूर्व भाजपा सरकार ने इन व्यापारियों को उखाड़ने की कवायद शुरू हो गई थी।
वर्तमान कांग्रेस की सरकार में मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर ने इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए इन व्यापारियों को वहां हटाकर उन्हें जोत के पास ही नव निर्मित बहुदेशीय कॉम्पेक्स में पुनर्स्थापित करने का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों इन व्यापारियों ने आनी में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को ज्ञापन सौंपा था कि उन्हें वहां से न हटाया जाए।
भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा? 
 सरकार उन्हें कब,कैसे और कहां - कहां पुनर्स्थापित करती है?
क्या सभी दुकानदारों को स्थापित किया जाएगा या नहीं? उनको किन नियमों के आधार पर बहुदेशीय कॉम्प्लेक्स में दुकानें मिलेंगी? इसके अतिरिक्त जो युवा रघुपुर गढ़,जलोड़ी जोत की अन्य पहाड़ियों पर कैंपिंग,ट्रैकिंग आदि गतिविधियां चलाते हैं व सरेऊल सर झील के आस पास अपनी दुकानें लगाते हैं उनका क्या होगा? क्या वे पहले की तरह कार्यरत रहेंगे या उन्हें भी अन्यत्र स्थापित किया जाएगा?
या उनका भगवान ही रखवाला है?

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