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जालंधर में दिल्ली-अमृतसर-जम्मू-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे फ्लाईओवर के दौरान मशीन का पार्ट ठीक करने उतरा था जींद का सुरेश,80 फीट गहरे बोर से 45 घंटे बाद निकाला गया श्रमिक का शव,

  ABD NEWS जालंधर : जालंधर करतारपुर के गांव बसरामपुर मे दिल्ली-अमृतसर-जम्मू-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के तहत कपूरथला रोड पर बनाए जा रहे फ्...

 


ABD NEWS जालंधर : जालंधर करतारपुर के गांव बसरामपुर मे दिल्ली-अमृतसर-जम्मू-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के तहत कपूरथला रोड पर बनाए जा रहे फ्लाईओवर के पिलर के पूरे बोर जितनी मिट्टी खोदने के बाद श्रमिक सुरेश का शव निकाल लिया गया। इस बोर में सुरेश शनिवार को शाम 7 बजे उतरा था। मशीन का एक पुर्जा बोर में धंसा था, जिसे मिट्टी खोदकर बाहर निकालने को लेकर कामकाज करना था। लेकिन इसी दौरान वह मिट्टी में धंस गया। सोमवार को शाम 4 बजे उसे जमीन से बाहर निकाल गया। इस तरह बचाव कार्य में 45 घंटे लगे। दम घुटने से उसकी मौत हो गई। जब शव जालंधर के सिविल हास्पिटल में लाया गया तो उसकी एक बाजू कटी हुई थी । शरीर पर हरे रंग की जैकेट और सेफ्टी बैल्ट मौजूद थी । उसके एक पैर की अंगुली पर भी जख्म था। पूरा शरीर फूल चुका था। जिस जगह पर सुरेश जमीन में बोर में फंसा था, वहां तक पहुंचने के लिए ज्यादा समय इसलिए लगा क्योंकि मिट्टी नरम थी, ये बार-बार खिसक रही थी। पास में ही पानी का तालाब भी था। सोमवार को पूरी रात लाइटों की रोशनी में 6 मशीनें लगातार बोर के पास से मिट्टी निकाल रही थी। पहले सुबह 10 बजे उम्मीद थी कि टीम हरियाणा के जिला जींद निवासी सुरेश (52) तक पहुंच जाएगी। पोस्टमार्टम से उसके शरीर पर आई चोटों, अंगों की स्थिति से अंदाजा हो सकेगा कि कब सुरेश की मौत हुई होगी। सिविल हॉस्पिटल में उसके भाई सत्यवान पहलवान और बाकी परिजन पहुंचे थे।

उधर, एनडीआरएफ की टीमों ने शव बाहर निकाला। एंबुलेंस को पुलिस एस्कार्ट के साथ जालंधर सिविल हॉस्पिटल लाया गया। इस बचाव आपरेशन में 125 ट्रक के करीब मिट्टी खोदी गई। लगभग 80 फीट तक मशीनरी पहुंची। ये जालंधर का ऐसा पहला खतरनाक हादसा है।




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