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*बाड़मेर. सनावड़ा के बहुचर्चित खरताराम हत्याकांड के खुलासे में पूर्व में रहे जांच अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका को लेकर अब जांच शुरू कर दी गई है। जांच में कोताही बरतने व बेवजह देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एएसपी जसाराम बोस जांच करेंगे..!!* सदर थाना के प्रकरण संख्या 160/2023 में खरताराम के हत्या की आशंका जताते हुए पीड़ित परिवार ने नामजद मामला दर्ज करवाया था, लेकिन करीब एक साल तक पुलिस मामले में टालमटोल करती रही। इससे पीड़ित परिवार एक साल तक दर-दर भटकता रहा। सदर पुलिस ने अब इस मामले में विधि से संघर्षरत किशोरी (पत्नी) को संरक्षण में लिया है। वहीं लूणाराम पुत्र ठाकराराम बेनीवाल निवासी सादुलोनियों का तला सनावड़ा को गिरफ्तार किया है। जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार के निर्देश पर बाड़मेर एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने टीम गठित कर पूरे मामले का खुलासा किया। 4-5 मई 2023 की रात को सादुलानियों का तला सनावड़ा निवासी खरताराम पुत्र देवाराम जाट पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी पत्नी व प्रेमी ने मिलकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद पुलिस थाना सदर में पत्नी सहित नामजद आरोपियों के खिलाफ मारपीट, हत्या की आशंका का मामला दर्ज करवाया गया। करीब एक साल बीत जाने तक पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पाई। तत्कालीन सदर थानाधिकारी किशनसिंह चारण, डीएसपी आनंदसिंह व अन्य पुलिसकर्मियों की टीम जांच में शामिल थी। शुरुआती दौर में ही मौके से प्राप्त साक्ष्य मिले थे, जिससे हत्या का संदेह हो रहा था। इसके बावजूद भी पुलिस ने मौके से मिले साक्ष्यों को गंभीरता से नहीं लिया और इस मामले में नामजद व परिजनों के संदेह के बावजूद भी अन्य आरोपियों से गहन पूछताछ नहीं की। मामले में ढिलाई बरती और हत्या जैसे संगीन मामले में पीड़ित को न्याय मिलने में एक साल से ज्यादा समय लगा। भास्कर पड़ताल - घटना की रात दिनेशपुरी घर से गायब था तो रात 2.30 बजे मां ने उसे कॉल किया, मां और बेटे के अलग बयानों से फंसा सदर थानाधिकारी सत्यप्रकाश विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने खरताराम हत्या प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी दिनेशपुरी गोस्वामी से पूछताछ के बाद हुए खुलासे में भी विधि से संघर्षरत नाबालिग पत्नी को गुरुवार संरक्षण में लिया है। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया और मेडिकल करवाकर कोर्ट के आदेश पर नारी निकेतन जोधपुर भेज दिया है। वहीं इस मामले में अन्य आरोपी लूणाराम से पुलिस पूछताछ कर रही है। एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने बताया कि मामले में जो भी शामिल है, कोई नहीं बचेगा। पुलिस हर पहलू की बारीकी से जांच पड़ताल कर रही है। 4-5 मई 2023 की रात को खरताराम की हत्या में शामिल दिनेशपुरी घर से गायब था। बेड पर जब दिनेशपुरी नहीं मिला तो उसकी मां ने उसे फोन भी किया था। शुरुआती पूछताछ में भी उसके कॉल की पड़ताल करने पर ये तथ्य मिले थे। पूछताछ में दिनेशपुरी से पूछा गया कि उसकी मां ने रात को 2.30 बजे कॉल क्यों किया? इस पर पुलिस के सामने कॉल को लेकर बहानेबाजी की थी। हालांकि जब मां से पुलिस ने पूछा तो बताया कि वो रात को बेड पर नहीं था, इसलिए मां ने कॉल किया तो बताया कि वो लघुशंका करने गया हुआ था। हालांकि काफी देर बाद घर आया था। दोनों के बयानों में शुरुआती दौर में ही पुलिस खुलासे तक पहुंच गई थी, लेकिन क्या कारण रहे कि जांच आगे नहीं बढ़ी और खुलासा नहीं हुआ। अब गिरफ्तार आरोपी दिनेशपुरी गोस्वामी तीन दिन के पुलिस रिमांड पर है और पूछताछ की जा रही है। खुलासे में एक साल क्यों लगा, पुलिस की भूमिका की जांच होगी बाड़मेर एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने बताया कि खरताराम प्रकरण के खुलासे में ज्यादा समय लगने की क्या वजह रही है, क्या इसमें पूर्व जांच अधिकारियों की कोई संदिग्ध भूमिका रही है। इसको लेकर उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद जांच एएसपी जसाराम बोस को दी है। एएसपी 15 दिन में पूरे मामले में कौन-कौन जांच अधिकारी रहे और एक साल तक प्रकरण का खुलासा क्यों नहीं हुआ था? इसकी जांच करेंगे। तत्कालीन सदर थानाधिकारी किशनसिंह, डीएसपी आनंदसिंह व जांच में शामिल अन्य तकनीकी व अन्य पुलिसकर्मियों की जांच होगी। एएसपी जसाराम ने भी बताया कि उन्हें जांच दी गई है, पूरे मामले में रिपोर्ट जल्द ही पूरी करके एसपी को देंगे। पूर्व में जांच में शामिल अधिकारियों व कार्मिकों की भूमिका पर परिजनों ने पूर्व में ही संदेह जताया था

 **बाड़मेर. सनावड़ा के बहुचर्चित खरताराम हत्याकांड के खुलासे में पूर्व में रहे जांच अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका को लेकर अब जांच शुरू कर दी ...

 **बाड़मेर. सनावड़ा के बहुचर्चित खरताराम हत्याकांड के खुलासे में पूर्व में रहे जांच अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका को लेकर अब जांच शुरू कर दी गई है। जांच में कोताही बरतने व बेवजह देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एएसपी जसाराम बोस जांच करेंगे..!!*


सदर थाना के प्रकरण संख्या 160/2023 में खरताराम के हत्या की आशंका जताते हुए पीड़ित परिवार ने नामजद मामला दर्ज करवाया था, लेकिन करीब एक साल तक पुलिस मामले में टालमटोल करती रही। इससे पीड़ित परिवार एक साल तक दर-दर भटकता रहा।


सदर पुलिस ने अब इस मामले में विधि से संघर्षरत किशोरी (पत्नी) को संरक्षण में लिया है। वहीं लूणाराम पुत्र ठाकराराम बेनीवाल निवासी सादुलोनियों का तला सनावड़ा को गिरफ्तार किया है। जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार के निर्देश पर बाड़मेर एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने टीम गठित कर पूरे मामले का खुलासा किया।


4-5 मई 2023 की रात को सादुलानियों का तला सनावड़ा निवासी खरताराम पुत्र देवाराम जाट पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी पत्नी व प्रेमी ने मिलकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद पुलिस थाना सदर में पत्नी सहित नामजद आरोपियों के खिलाफ मारपीट, हत्या की आशंका का मामला दर्ज करवाया गया। करीब एक साल बीत जाने तक पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पाई।


तत्कालीन सदर थानाधिकारी किशनसिंह चारण, डीएसपी आनंदसिंह व अन्य पुलिसकर्मियों की टीम जांच में शामिल थी। शुरुआती दौर में ही मौके से प्राप्त साक्ष्य मिले थे, जिससे हत्या का संदेह हो रहा था। इसके बावजूद भी पुलिस ने मौके से मिले साक्ष्यों को गंभीरता से नहीं लिया और इस मामले में नामजद व परिजनों के संदेह के बावजूद भी अन्य आरोपियों से गहन पूछताछ नहीं की। मामले में ढिलाई बरती और हत्या जैसे संगीन मामले में पीड़ित को न्याय मिलने में एक साल से ज्यादा समय लगा।


भास्कर पड़ताल - घटना की रात दिनेशपुरी घर से गायब था तो रात 2.30 बजे मां ने उसे कॉल किया, मां और बेटे के अलग बयानों से फंसा

सदर थानाधिकारी सत्यप्रकाश विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने खरताराम हत्या प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी दिनेशपुरी गोस्वामी से पूछताछ के बाद हुए खुलासे में भी विधि से संघर्षरत नाबालिग पत्नी को गुरुवार संरक्षण में लिया है। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया और मेडिकल करवाकर कोर्ट के आदेश पर नारी निकेतन जोधपुर भेज दिया है। वहीं इस मामले में अन्य आरोपी लूणाराम से पुलिस पूछताछ कर रही है। एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने बताया कि मामले में जो भी शामिल है, कोई नहीं बचेगा। पुलिस हर पहलू की बारीकी से जांच पड़ताल कर रही है।


4-5 मई 2023 की रात को खरताराम की हत्या में शामिल दिनेशपुरी घर से गायब था। बेड पर जब दिनेशपुरी नहीं मिला तो उसकी मां ने उसे फोन भी किया था। शुरुआती पूछताछ में भी उसके कॉल की पड़ताल करने पर ये तथ्य मिले थे। पूछताछ में दिनेशपुरी से पूछा गया कि उसकी मां ने रात को 2.30 बजे कॉल क्यों किया? इस पर पुलिस के सामने कॉल को लेकर बहानेबाजी की थी।


हालांकि जब मां से पुलिस ने पूछा तो बताया कि वो रात को बेड पर नहीं था, इसलिए मां ने कॉल किया तो बताया कि वो लघुशंका करने गया हुआ था। हालांकि काफी देर बाद घर आया था। दोनों के बयानों में शुरुआती दौर में ही पुलिस खुलासे तक पहुंच गई थी, लेकिन क्या कारण रहे कि जांच आगे नहीं बढ़ी और खुलासा नहीं हुआ। अब गिरफ्तार आरोपी दिनेशपुरी गोस्वामी तीन दिन के पुलिस रिमांड पर है और पूछताछ की जा रही है।


खुलासे में एक साल क्यों लगा, पुलिस की भूमिका की जांच होगी

बाड़मेर एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने बताया कि खरताराम प्रकरण के खुलासे में ज्यादा समय लगने की क्या वजह रही है, क्या इसमें पूर्व जांच अधिकारियों की कोई संदिग्ध भूमिका रही है। इसको लेकर उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद जांच एएसपी जसाराम बोस को दी है। एएसपी 15 दिन में पूरे मामले में कौन-कौन जांच अधिकारी रहे और एक साल तक प्रकरण का खुलासा क्यों नहीं हुआ था? इसकी जांच करेंगे।


तत्कालीन सदर थानाधिकारी किशनसिंह, डीएसपी आनंदसिंह व जांच में शामिल अन्य तकनीकी व अन्य पुलिसकर्मियों की जांच होगी। एएसपी जसाराम ने भी बताया कि उन्हें जांच दी गई है, पूरे मामले में रिपोर्ट जल्द ही पूरी करके एसपी को देंगे। पूर्व में जांच में शामिल अधिकारियों व कार्मिकों की भूमिका पर परिजनों ने पूर्व में ही संदेह जताया था

सदर थाना के प्रकरण संख्या 160/2023 में खरताराम के हत्या की आशंका जताते हुए पीड़ित परिवार ने नामजद मामला दर्ज करवाया था, लेकिन करीब एक साल तक पुलिस मामले में टालमटोल करती रही। इससे पीड़ित परिवार एक साल तक दर-दर भटकता रहा।

सदर पुलिस ने अब इस मामले में विधि से संघर्षरत किशोरी (पत्नी) को संरक्षण में लिया है। वहीं लूणाराम पुत्र ठाकराराम बेनीवाल निवासी सादुलोनियों का तला सनावड़ा को गिरफ्तार किया है। जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार के निर्देश पर बाड़मेर एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने टीम गठित कर पूरे मामले का खुलासा किया।

4-5 मई 2023 की रात को सादुलानियों का तला सनावड़ा निवासी खरताराम पुत्र देवाराम जाट पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी पत्नी व प्रेमी ने मिलकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद पुलिस थाना सदर में पत्नी सहित नामजद आरोपियों के खिलाफ मारपीट, हत्या की आशंका का मामला दर्ज करवाया गया। करीब एक साल बीत जाने तक पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पाई।

तत्कालीन सदर थानाधिकारी किशनसिंह चारण, डीएसपी आनंदसिंह व अन्य पुलिसकर्मियों की टीम जांच में शामिल थी। शुरुआती दौर में ही मौके से प्राप्त साक्ष्य मिले थे, जिससे हत्या का संदेह हो रहा था। इसके बावजूद भी पुलिस ने मौके से मिले साक्ष्यों को गंभीरता से नहीं लिया और इस मामले में नामजद व परिजनों के संदेह के बावजूद भी अन्य आरोपियों से गहन पूछताछ नहीं की। मामले में ढिलाई बरती और हत्या जैसे संगीन मामले में पीड़ित को न्याय मिलने में एक साल से ज्यादा समय लगा।

भास्कर पड़ताल - घटना की रात दिनेशपुरी घर से गायब था तो रात 2.30 बजे मां ने उसे कॉल किया, मां और बेटे के अलग बयानों से फंसा

सदर थानाधिकारी सत्यप्रकाश विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने खरताराम हत्या प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी दिनेशपुरी गोस्वामी से पूछताछ के बाद हुए खुलासे में भी विधि से संघर्षरत नाबालिग पत्नी को गुरुवार संरक्षण में लिया है। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया और मेडिकल करवाकर कोर्ट के आदेश पर नारी निकेतन जोधपुर भेज दिया है। वहीं इस मामले में अन्य आरोपी लूणाराम से पुलिस पूछताछ कर रही है। एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने बताया कि मामले में जो भी शामिल है, कोई नहीं बचेगा। पुलिस हर पहलू की बारीकी से जांच पड़ताल कर रही है।

4-5 मई 2023 की रात को खरताराम की हत्या में शामिल दिनेशपुरी घर से गायब था। बेड पर जब दिनेशपुरी नहीं मिला तो उसकी मां ने उसे फोन भी किया था। शुरुआती पूछताछ में भी उसके कॉल की पड़ताल करने पर ये तथ्य मिले थे। पूछताछ में दिनेशपुरी से पूछा गया कि उसकी मां ने रात को 2.30 बजे कॉल क्यों किया? इस पर पुलिस के सामने कॉल को लेकर बहानेबाजी की थी।

हालांकि जब मां से पुलिस ने पूछा तो बताया कि वो रात को बेड पर नहीं था, इसलिए मां ने कॉल किया तो बताया कि वो लघुशंका करने गया हुआ था। हालांकि काफी देर बाद घर आया था। दोनों के बयानों में शुरुआती दौर में ही पुलिस खुलासे तक पहुंच गई थी, लेकिन क्या कारण रहे कि जांच आगे नहीं बढ़ी और खुलासा नहीं हुआ। अब गिरफ्तार आरोपी दिनेशपुरी गोस्वामी तीन दिन के पुलिस रिमांड पर है और पूछताछ की जा रही है।   खुलासे में एक साल क्यों लगा, पुलिस की भूमिका की जांच होगी

बाड़मेर एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने बताया कि खरताराम प्रकरण के खुलासे में ज्यादा समय लगने की क्या वजह रही है, क्या इसमें पूर्व जांच अधिकारियों की कोई संदिग्ध भूमिका रही है। इसको लेकर उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद जांच एएसपी जसाराम बोस को दी है। एएसपी 15 दिन में पूरे मामले में कौन-कौन जांच अधिकारी रहे और एक साल तक प्रकरण का खुलासा क्यों नहीं हुआ था? इसकी जांच करेंगे।

तत्कालीन सदर थानाधिकारी किशनसिंह, डीएसपी आनंदसिंह व जांच में शामिल अन्य तकनीकी व अन्य पुलिसकर्मियों की जांच होगी। एएसपी जसाराम ने भी बताया कि उन्हें जांच दी गई है, पूरे मामले में रिपोर्ट जल्द ही पूरी करके एसपी को देंगे। पूर्व में जांच में शामिल अधिकारियों व कार्मिकों की भूमिका पर परिजनों ने पूर्व में ही संदेह जताया था

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