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शिमला में लैंडलाइड के कारण गिरा पेड़, 80 वर्षीय बुजुर्ग गोहर में बही; मंडी में तीन दिन का येलो अलर्ट

  शिमला  में  लैंडलाइड  के  कारण  गिरा  पेड़,  80  वर्षीय  बुजुर्ग  गोहर  में  बही;   मंडी  में  तीन  दिन  का  येलो  Alert Himachal News:  ह...

 शिमला में लैंडलाइड के कारण गिरा पेड़, 80 वर्षीय बुजुर्ग गोहर में बही; मंडी में तीन दिन का येलो Alert



Himachal News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जमकर बारिश हुई. बारिश से लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने का सिलसिला जारी है. आज सुबह बेमलोई के पास भारी भरकम पेड़ गिर गया, जहां बड़ा नुक़सान होने से बच गया, साथ में ढारे बने हुए हैं जिनमें लोग रहते हैं. गनीमत रही कि ढारो के ऊपर पेड़ नही गिरा अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था.

अजय शर्मा, मकान मालिक ने कहा कि शिमला के ही Talland फॉरेस्ट ऑफिस के नीचे एक बड़ा पेड़ गिर गया. पिछली बार भी यहां बड़ा लैंड स्लाइड आया था और कई पेड़ गिरे थे. मकान मालिक ने खतरा बने अन्य पेड़ो को काटने की अर्जी दी थीं लेकिन एक साल बाद भी पेड़ नही काटे गए.


मंडी में  बारिश का येलो अलर्ट जारी

यहां ब्यास नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. सुकेती खड्ड में भी पानी का स्तर बढ़ गया है. गोहर के जीयूनी खड्ड में नाले में 70 वर्षीय महिला बह गई. फिलहाल हिमाचल प्रदेश में 115 सड़कें बाधित हैं. बिजली के ट्रांसर्फामरों को भी नुकसान पहुंचा है. मंडी जिला में लगभग 12 सड़के बंद पड़ी हैं. पेयजल योजनाएं भी बाधित हैं. बिजली के ट्रांसफार्मरों को भी नुकसान पहुंचा है. मंडी जिले में तीन दिन तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है.

 बहुत भारी बारिश की संभावना

शिमला मौसम विभाग ने गुरुवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया और शुक्रवार तक अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, गरज चमक के साथ ही कुछ स्थानों पर बिजली गिरने की चेतावनी दी है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बारिश के कारण मंडी में 107, चंबा में चार, सोलन में तीन और कांगड़ा जिले में एक सहित कुल 115 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं और राज्य में 212 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं.

इस बीच अधिकारियों ने बताया कि चंडीगढ़-मनाली चार लेन वाली सड़क के मंडी से पंडोह के बीच एक हिस्से में दरारें आ गई हैं और यह धंस रही है, जिसके कारण अधिकारियों ने बुधवार से केवल एकतरफा यातायात की अनुमति दी है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि लाखों रुपए खर्च करके ‘रिटेनिंग वॉल’ (चट्टानों अथवा बड़े पत्थरों को गिरने से रोकने) बनाई गई थी, लेकिन अब यह धंसने लगी है और करीब दो फुट नीचे चली गई है. इसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं. परियोजना प्रबंधक राज शेखर ने बताया कि तारकोल बिछाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है.

मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार (छह और सात जुलाई) को भारी बारिश का ‘ऐलो अलर्ट’ जारी किया है और बागानों, बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान, कमजोर संरचनाओं को आंशिक नुकसान, तेज हवाओं और बारिश के कारण कच्चे घरों और झोपड़ियों को मामूली नुकसान, यातायात में व्यवधान और निचले इलाकों में जलभराव की चेतावनी दी गई है.

राज्य में व्यापक स्तर पर बारिश हुई. सुंदरनगर में सबसे अधिक 111 मिमी बारिश हुई, जबकि पालमपुर में 109.4 मिमी, शिमला में 84 मिमी, गोहर में 80 मिमी, सोलन में 79.8 मिमी, मशोबरा में 78.5 मिमी, जोगिंदरनगर में 75 मिमी, बैजनाथ में 70 मिमी, मंडी में 55.2 मिमी, नारकंडा में 48 मिमी और कांगड़ा में 44.2 मिमी बारिश हुई.


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