पारो शैवालिनी की रिपोर्ट अखंड भारत दर्पण के झारखंड संवाददाता अनिल शर्मा को इन्टरनेशनल ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी,भारत सरकार की एक पंजीकृत संस्...
पारो शैवालिनी की रिपोर्ट
अखंड भारत दर्पण के झारखंड संवाददाता अनिल शर्मा को इन्टरनेशनल ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी,भारत सरकार की एक पंजीकृत संस्था के चेयरमैन सह मैनेजिंग डायरेक्टर संजय सिन्हा ने आसनसोल के अपने कार्यालय में इनके सोशल एक्टीविस्ट के लिए प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। अनिल शर्मा नशा विरोधी व दहेज़ विरोधी के रूप में वर्षों से काम करते आ रहे हैं। वो साउथ भारत के चेन्नई,विशाखापत्तनम, हैदराबाद,बंगलुरू आदि शहरों में इंटीरियर डिजाइनर के रूप में काम करते हैं।उसका विवाह झारखंड राज्य में हुआ है। बचपन में ही उनके पिता का निधन हो गया था।लगभग दस-बराह साल की उम्र में ही अपने एक रिश्तेदार के साथ बंगलुरू आकर काम करने लगा था।बाद में अनिल और उसकी माँ अपने नाना के साथ पश्चिम बंगाल में रहने लगा और वहीं से कभी साउथ भारत तो कभी पश्चिम बंगाल,मुंबई काम के सिलसिले में आता-जाता रहता है।अनिल ने आपबीती सुनाते हुए कहा,हमारे बढई जाति में लोग परिश्रमी तो बहुत ज्यादा होते हैं।लेकिन,वो लोग नशा के इतना ज्यादा आदि होते हैं कि उनका घरवार बोतल में डूब जाता है।अनिल ने बताया,वो अपनी कंपनी में काम करने आने आने वाले जाति भाई से नशा छोड़ देने का आग्रह करते रहते हैं। इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल,झारखंड और बिहार से उनके पास काम करने आते वो अपने रिश्तेदारों से नशा छोड़ देने का आग्रह करते दिखते हैं। यहाँ तक कि उनकी सेलरी भी वो उनकी पत्नी,बेटी,बेटा और रिश्तेदारों को भेजा करता है ताकि पैसों को नशा की बोतल पर ना खर्च कर सके। संजय सिन्हा ने कहा,आज की तारीख में ऐसे नेकदिल इन्सान बहुत कम ही मिलते हैं।
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